पावर प्लांट के लिए आदिवासी ना जमीन देंगे ना जान : पारंपरिक ग्रामसभा
लुगु बुरू में प्रस्तावित 1500 मेगावाट पावर प्लांट
लुगु बुरू में पावर प्लांट बन्ने पर संथाल आदिवासियों का अस्तित्व (रूढ़ी प्रथा) खत्म होगा : माझी बाबा
"न जमीन देंगे, न जान देंगे, जल जंगल जमीन हमारा है, जरुरत पड़ी तो जान लेंगे"
14 अक्टूबर 2023 शनिवार को समय सुबह- 10 बजे से ग्राम पिंडरा, माझी आखड़ा में आतु माझी बाबा (ग्राम प्रधान) श्री हीरालाल सोरेन की अध्यक्षता में ग्राम सभा बैठक संपन्न हुआ.
बैठक में लुगु बुरु (पहाड़) में DVC द्वारा प्रस्तावित 1500 मेगावाट हाइडल पावर प्रोजेक्ट योजना के संबंध में चर्चा किया गया.
पारंपरिक ग्राम सभा बैठक में उपस्थित गांव के महिला- पुरुष, बच्चे बुजुर्ग सभी ने लिखित विषय पर बारी-बारी से अपना सुझाव एवं आपत्ति दर्ज किया, ग्रामीणों ने कहा कि लोगों को लुगुबुरु घांटा बाड़ी धोरोम गाढ़ हम आदिवासी संथाल समुदाय का सर्वश्रेष्ठ धार्मिक स्थल है, लुगु बाबा के नेतृत्व व आसिम कृपा से आदिवासी संथाल समाज को सामाजिक, पारंपरिक रूप से संचालन करने का रीति रिवाज, पारम्परा हमारे पूर्वजों द्वारा आदिकाल में 12 वर्षों तक विचार विमर्श- चिंतन मंथन कर माझी परगना व्यवस्था स्थापित किया है, आदिकाल में पूर्वजों द्वारा बनाए गए रीति रिवाज, परंपरा, माझी परगना पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था से ही आज भी आदिवासी समाज व्यवस्थित, संचालित होते आ रहे हैं जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13(3)"क" में भी रूढ़ी प्रथा के रूप में संवैधानिक कानून मान्यता प्राप्त है, वर्तमान में देश-विदेश से लाखों सारना धर्मावलंबी प्रत्येक वर्ष सोहराय कुनामी (कार्तिक पूर्णिमा) में आयोजित होने वाले सारना धर्म महासम्मेलन में झारखंड बिहार बंगाल उड़ीसा असम समेत पड़ोसी देश नेपाल बांग्लादेश भूटान से लाखों की तादाद में समाज के लोग लोगों बाबा के दर्शन के लिए आते हैं, एवं लुगु बुरु में स्थित लुगू बाबा धिरी दोलान (लुगू गुफ़ा) कायरा झरना, सीतानाला, दरबार चटनी आदि जगहों पर पूजा अर्चना कर समाज के सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हैं, लुगु बुरु से आदिवासी समुदाय का धार्मिक आस्था जुड़ा हुआ है। लुगू पहाड़ में पावर प्रोजेक्ट बनने से हमारा धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचेगी, जो हम किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे.
बैठक में लुगु बुरु (पहाड़) में DVC द्वारा प्रस्तावित 1500 मेगावाट हाइडल पावर प्रोजेक्ट योजना के संबंध में चर्चा किया गया.
पारंपरिक ग्राम सभा बैठक में उपस्थित गांव के महिला- पुरुष, बच्चे बुजुर्ग सभी ने लिखित विषय पर बारी-बारी से अपना सुझाव एवं आपत्ति दर्ज किया, ग्रामीणों ने कहा कि लोगों को लुगुबुरु घांटा बाड़ी धोरोम गाढ़ हम आदिवासी संथाल समुदाय का सर्वश्रेष्ठ धार्मिक स्थल है, लुगु बाबा के नेतृत्व व आसिम कृपा से आदिवासी संथाल समाज को सामाजिक, पारंपरिक रूप से संचालन करने का रीति रिवाज, पारम्परा हमारे पूर्वजों द्वारा आदिकाल में 12 वर्षों तक विचार विमर्श- चिंतन मंथन कर माझी परगना व्यवस्था स्थापित किया है, आदिकाल में पूर्वजों द्वारा बनाए गए रीति रिवाज, परंपरा, माझी परगना पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था से ही आज भी आदिवासी समाज व्यवस्थित, संचालित होते आ रहे हैं जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13(3)"क" में भी रूढ़ी प्रथा के रूप में संवैधानिक कानून मान्यता प्राप्त है, वर्तमान में देश-विदेश से लाखों सारना धर्मावलंबी प्रत्येक वर्ष सोहराय कुनामी (कार्तिक पूर्णिमा) में आयोजित होने वाले सारना धर्म महासम्मेलन में झारखंड बिहार बंगाल उड़ीसा असम समेत पड़ोसी देश नेपाल बांग्लादेश भूटान से लाखों की तादाद में समाज के लोग लोगों बाबा के दर्शन के लिए आते हैं, एवं लुगु बुरु में स्थित लुगू बाबा धिरी दोलान (लुगू गुफ़ा) कायरा झरना, सीतानाला, दरबार चटनी आदि जगहों पर पूजा अर्चना कर समाज के सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हैं, लुगु बुरु से आदिवासी समुदाय का धार्मिक आस्था जुड़ा हुआ है। लुगू पहाड़ में पावर प्रोजेक्ट बनने से हमारा धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचेगी, जो हम किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे.
लुगू पहाड़ के ईर्द-गिर्द बसे आदिवासी गांव के ग्रामीणों का रैयत्ती जमीन, गांव का सामूहिक जमीन, पूजा स्थल, जाहेर थान, माझी थान, गोट टांडी, श्मशान भूमि, चारागाह आदि अधिग्रहण होगा, यहां के ग्रामीणों का विस्थापन होगा, सदियों से रह रहे ग्रामीणों का जल जंगल जमीन पल भर में छिन जाएगा और हमारा अस्तित्व पहचान समाप्त हो जाएगा। इसीलिए गांव के सभी ग्रामीण महिला पुरुष बच्चे बुजुर्ग सर्व सम्मति से एक स्वर में कहा, निर्णय लिया कि लुगू बुरु पहाड़ में दामोदर घाटी निगम द्वारा प्रस्तावित 1500 मेगावाट लुगू पहाड़ पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स को ग्राम सभा जोरदार विरोध करते हुए खारीज करती है। ग्रामीण एक स्वर में कहा " न जमीन देंगे, न जान देंगे। जल जंगल जमीन हमारा है, जरुरत पड़ी तो जान लेंगे.
ग्राम सभा बैठक का संचालन गांव के पाराणिक बाबा सुखदेव सोरेन व धन्यवाद ज्ञापन गोडेत बाबा दीनाराम बेसरा ने किया।
बैठक में मुख्य रूप से नायके बाबा बाड़कू हांसदा, संजय हांसदा, सुभाष मुर्मू, सूरज माझी, सुरेश मरांडी, साइमन मरांडी, हीरालाल टुडू, विनोद सोरेन, महादेव हांसदा, मोहनलाल हांसदा, सोनाराम मुर्मू, बाहामनी देवी, लीलावती देवी, प्रमिला मरांडी, बासमती सोरेन, फूलों मुर्मू, सावित्री मरांडी, अमरावती हांसदा, उर्मिला मुर्मू, बासंती किस्कू, संगीता हेंब्रम, सविता बेसरा, श्रीमती हांसदा, उर्मिला सोरेन, प्रमिला सोरेन, सोहनलाल माझी, सहदेव माझी, फागुन हांसदा, बाबूलाल माझी, लालदेव सोरेन, आदि काफी संख्या में गांव के महिला पुरुष बच्चे बुजुर्ग उपस्थित थे।