News : Seraikela Kharsawan District in Jharkhand, Chandil
Big Breaking News, Chandil : 17 सितंबर रविवार को फुलो-झानो मोड़ सिञ डाहार चौका पंचायत भवन प्रांगण में पातकोम दिशोम माझी पारगाना महल का बैठक हुआ, बैठक चौका के माझी बाबा महेंद्र टुडू के अध्यक्षता में हुआ संचालक कुर्ली माझी बाबा संजीव टुडू कर रहे थे बैठक में पातकोम दिशोम के कई माझी बाबा एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
बैठक में सभी माझी बाबा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बीते मंगलवार को चाकुलिया केड़ुकोचा मैदान में झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने पारंपरिक आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख माझी-गोडेत-पारगाना एवं मुंडा - मानकी आदि को घर एवं मोटरसाइकिल देने का घोषणा किया था।
इस घोषणा के दूसरे दिन ही बीजेपी से बने पूर्व सांसद और सेंगेल अभियान के संस्थापक सालखान मुर्मू ने विरोध जताया और बाइक देने पर पीआईएल करने का धमकी भी दिया।
सालखान मुर्मू ने विरोध करने का तर्क दिया कि आदिवासी समाज की बर्बादी पर अपनी राजनीति चमकाने का घिनौना साजिश है, सेंगेल इसका विरोध करता है क्योंकि मानकी, मुंडा, माझी पारगाना आदि जहां अधिकांश अनपढ़, पियक्कड़ संविधान कानून से अनभिज्ञ होते हैं, लगभग सभी आदिवासी गांव-समाज में जोर जबरजस्ती, रंगदारी, धौंस जमाने आदि के साथ संविधान कानून मानव अधिकार और जनतंत्र का गला घोंटते हैं, प्रथा परंपरा के नाम पर सभी आदिवासी गांव समाज में नशापान, अंधविश्वास, डायन प्रथा, ईर्षा, महिला विरोधी मानसिकता, हांडियां दारू, चखना रूपयों में वोट की खरीद बिक्री, डांडोम, बारोन सामाजिक बहिस्कार, डान पान्ते आदि स्वशासन व्यवस्था के माझी पारगाना मुंडा मानकी पर आरोप लगाया और मुख्यमंत्री द्वारा घोषित घर और बाइक देने की करवाही को असंविधानिक गैर कानूनी बताया है, जरूरत पड़ी तो सेंगेल हाई कोर्ट में इस घोषणा के खिलाफ याचिका दायर करने की चेतावनी दिए हैं।
माझी बाबाओं के बैठक में माझी बाबाओं ने कहा सम्मान स्वरूप घर और बाइक देने का घोषणा पर सालखान मुर्मू में ईर्षा और हिंसा सुया पैदा हवा जिसकी वजह से पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के खिलाफ में गलत आरोप लगाकर बदनाम करने के नियत से हमला कर रहे हैं, सालखान समानांतर माझी पारगाना व्यवस्था चलाना चाहते हैं, गांव में समाज का माझी बाबा होते हुवे दूसरा असंवैधानिक सेंगेल माझी पारगाना बनाकार गांव घरों में गुट बनाकर बिवाद पैदा कर अशांति फैलाने का काम कर रहे हैं।
बैठक में आगे कहा गया प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रुप से आदिवासियों की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को संविधान के अनुच्छेद 13 (3) क के तहत विधि का बल प्राप्त है, इसलिए माझी पारगाना, मुंडा मानकी को घर और बाइक देना संविधानिक है, क्योंकि भारत का संविधान में निहित प्रावधानों के अनुसार स्वशासन व्यवस्था माझी पारगाना, मुंडा मनकी भी एक संवैधानिक अंग है, सालखान मुर्मू द्वारा असंवैधानीक कहना ज्ञान की कमी है एवं राजनीति से प्रेरित है इसलिए सालखान मुर्मू के उक्त बयान का निंदा के साथ कड़ी विरोध किया गया।
मौके पर मुख्य रूप से माझी बाबा सोमचांद मार्डी, सुधीर किस्कू, संजीव टुडू, बृहस्पति हांसदा, विष्णु सोरेन, महेंद्र टुडू, सोमचांद सोरेन, महाराज माझी, भूटी टुडू, हलधर मार्डी, दुबराज बेसरा, शक्ति हंसदा, सौलेश्वर किस्कू, अनूप माझी, कार्तिक टुडू, अरुण सोरेन आदि उपस्थित थे।