आज 1 अगस्त 2023 को ओलचिकी हूल बैसी के आंदोलनकारी साथी जिनका झारखंड बंद के दौरान रेल विभाग द्वारा केस दर्ज किया गया था उन सभी 7 सदस्यों का जमानत किया गया.
ज्ञात हो की विगत दिनांक 4 जुलाई 2023 को पूरे झारखंड राज्य में रेल, रोड झारखंड बंद का आह्वान ओलचिकी हूल बैसी झारखंड प्रदेश द्वारा किया गया था।
विदित हो कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्राथमिक स्तर पर जनजाति भाषा मातृभाषा से शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार सभी को दिया गया है, और आदिवासी संताली भाषा का स्वतंत्र लिपि ओलचिकी है इसीलिए संथाल समुदाय का मांग है की पाठ्य सामग्री को ओलचिकी लिपि से तैयार किया जाए.
संथाली शिक्षकों की बहाली अविलंब हो, संताली भाषा का ऑलचिकी लिपि से पठन-पाठन आरंभ हो, अलग से संथाल साहित्य अकैडमी का गठन हो और झारखंड प्रदेश में संथाली भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया जाए.
इन सभी मांगों को लेकर ओलचिकी हूल वैसी संपूर्ण झारखंड में आंदोलनरत है ओलचिकी हूल बैसी के द्वारा सभी जनप्रतिनिधि विधायकों को मानसून सत्र में मांगों को लेकर आवाज उठाने के लिए आवेदन पत्र दिया गया है अगर झारखंड सरकार गंभीरता पूर्वक ओल चिकी हुल बैसी के मांगों पर विचार नहीं करती है तो संथाल समाज अगला आंदोलन कि रणनीति बहुत जल्द तय करने की जानकारी तालसा के माझी बाबा और ओल चिकी हुल बैसी के महासचिव दुर्गा चरण मुर्मू ने दिया.
जमानत लेने वालों में देश पारगना बाबा बैजू मुर्मू, पंचानन सोरेन, हरिपदो मुर्मू, लेदेम किसकू, कृष्णा हेंब्रम, दासमत मुर्मू, मनीकराम सोरेन, मौके पर अध्यक्ष ओलचिकी हूल बैसी झारखंड सुभाष चंद्र मंडी, दुर्गा चरण मुर्मू महासचिव हूल बैसी, बिंदे सोरेन, शंकर सोरेन, वीरेन हांसदा, दीपक मुर्मू, रमेश मुरमू, दिनेश टुडू, राजेश मुर्मू, धर्मा मुर्मू, सुरेंद्र टुडू, मानसिंह सोरेन, नंदू मुर्मू आदि समाज के लोग उपस्थित थे.