13 अक्टूबर 2023 शुक्रवार को स्थान - माझी परगना महाल बाखुल पावड़ा, घाटशिला में माझी बाबा, परगना बाबा, पारानिक एवं सामाजिक बुद्धिजीवियों का एक बैठक देश परगना बाबा बैजू मुर्मू की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
बैठक में वर्तमान में पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था माझी पारगाना माहाल द्वारा क्रियान्वित कार्यक्रमों की समीक्षा की गई, एवं कई ज्वालान्त मुद्दों पर चर्चा करते हुए अगला कार्यक्रमों के रणनीति बनाई गई, देश पारगना बाबा ने कहा की आदिवासी समुदाय का जमीन पर अतिक्रमण करने का सिलसिला जारी है जैसे लुगु बुरु में हाइडल पावर प्लांट योजना लाकर एवं मारंग बुरु में जैन को बसा कर, उनके सुविधा के लिए रोपवे निर्माण का योजना लाकर हमारे धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाते हुए अस्तित्व और पाहचान को समाप्त करने का सडयंत्र रचने का षड्यंत्र बताया, इसी तरह यूनिफाइड सिविल कोड, फारेस्ट कंजर्वेशन अमेंडमेंट एक्ट 2023, लाकर आदिवासियों का अधिकार को छिनने का प्रयास हो रहा है। ऐसी स्थिति में माहतो द्वारा आदिवासी बनने के लिए मांग भी आदिवासियों के अधिकारों का हनन व अतिक्रमण करने के राजनीतिक साजिश की जा रही है। आदिवासी समाज के लोगों को बहला फुसलाकर धर्मांतरण करने या उनके भाषा संस्कृति, परंपरा, पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, माझी परगना सिस्टम को समाप्त करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। आज दुनिया के आदिवासियों को एकजुट होकर अपने हक अधिकार, अपने अस्तित्व, अपना पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, रीति रिवाज, धर्म, संस्कृति, पूजा पद्धति को संरक्षण करने के लिए एक और हूल करने की आवश्यकता है। इसीलिए माझी परगना महाल कई प्रस्ताव पारित किया, जिन पर सभी आदिवासी समुदाय को राजनीतिक भावना से ऊपर उठकर समाज हित में काम करने में सहयोग करने का अपील किया गया।
प्रस्तावना---
1, लुगुबुरु घांटाबाड़ी में लुगू पहाड़ हैडल पावर प्लांट 1500 मेगावाट परियोजना को रद्द करने के लिए अविलंब प्रस्तावित क्षेत्र के ग्राम सभाओं द्वारा प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा जाएगा वहीं एक आक्रोश विरोध महाजुटान का आयोजन कर हाइडल पावर प्रोजेक्ट को निरस्त करने का संकल्प लिया जाएगा।
2, आदिवासी समुदाय संथाल समाज के लोग अपनी प्रकृति पूजा पद्धति को छोड़कर अन्य किसी भी धर्म के पूजा (मूर्ति पूजा) में शामिल नहीं होगा।
3, आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, रीति रिवाज, पूजा पद्धति को समाप्त करने के लिए जो असामाजिक तत्व काम करेगा ऐसे व्यक्तियों के ऊपर पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था माझी परगाना महल पारंपरिक स्वसाशन व्यवस्था रूडी प्रथा के तहत सख्त कार्रवाई करेगी।
4, पूर्वी सिंहभूम जिले में सरकारी जमीन पर या थाना परिसर, किसी भी सरकारी कार्यालय परिसर में अवैध रूप से जमीन कब्जा करने की इरादे से बना रहे मंदिरों का निर्माण को रोकने के लिए पारंपरिक स्वाशासन व्यवस्था आदिवासी समुदाय उपयुक्त पूर्वी सिंहभूम को ज्ञापन सौंपेंगे एवं उनके प्रति महामहिम राष्ट्रपति महोदया तक पहुंचाई जाएगी। उपायुक्त द्वारा निश्चित समय अवधि पर कार्रवाई नहीं होती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
5, कोल्हान क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर अभिलंब जमशेदपुर मैं विराट जनसभा का आयोजन किया जाएगा।
देश परगना बाबा ने सभी तोरोफ परगना बाबा को निर्देश दिया कि आपने अपने क्षेत्र में तोरोफ सम्मेलन कराये एवं व्यवस्था के लोगों को एक और हूल करने के लिए तैयारी करने का आह्वान करें।
बैठक में मुख्य रूप से तोरोप परगना हरिपद मुर्मू, लेदेम, किस्कू, लखन मार्डी, मधु सोरेन, पंचानन सोरेन, माझी बाबा दुर्गा चरण मुर्मू, शंकर सोरेन, कृष्णा हादसा, फागु किस्कू, कृष्णा हेंब्रम, चंद्राय हांसदा, सुखदा हांसदा, सुशील हांसदा, नागेंद्र मंडी, जगदीश बास्के आदि काफी संख्या में माझी बाबा व समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।