13 अगस्त 2023 को टाना भगत अतिथि गृह, हेहल, वनहरा, रांची में आदिवासी पारंपारिक स्वशासन व्यवस्था, झारखंड के पारंपरिक अगुवा, बुद्धिजीवियों एवं समाजिक प्रतिनिधियों का बैठक देश पारगाना धाड़ दिशोम बाबा बैजू मुर्मू के अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
बैठक में सर्वप्रथम केंद्र सरकार द्वारा पारित वन संरक्षण संशोधन विधेयक 2023, केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का विरोध करते हुए मणिपुर में हो रहे आदिवासियों के ऊपर अत्याचार का निंदा किया गया।
बैठक में मुख्य रूप से झारखंड सरकार द्वारा प्रस्तावित झारखंड पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्र पर विस्तार) नियमावली 22 प्रारुप पर चर्चा किया गया। उपस्थित सदस्यों ने प्रारूप का गंभीरता पूर्वाक अध्ययन किया एवं पाया कि सरकार पेसा कानून के नाम पर पंचायती राज अधिनियम 2021 को लागू करना चाहते है एवं अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा को प्रदत्त पेसा कानून 1996 मे दिए गए अधिकारों को समाप्त करने की साजिश किया जा रहा है, इसीलिए प्रस्तावित प्रारूप का आदिवासी पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था विरोध करते हुए संशोधन की मांग रखेगी.
सदस्यों ने कहा की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को पेसा कानून 1996 के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं है, प्रस्तावित प्रारुप को संशोधन करने हेतु पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था का अगला बैठक आगामी 21-22 अगस्त 2023 को टाना भगत अतिथि गृह, हेहल, वनहोरा रांची में दो दिवसीय संशोधन बैठक रखा गया है, प्रारुप संशोधन बैठक में पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के अगुआ, बुद्धिजीवी एवं समाजिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा, प्रस्तावित प्रारुप को संशोधन कर सरकार के प्रधान सचिव, राजीव अरुण एक्का को देने का निर्णय हुआ.
बैठक में मुख्य रूप से तोरोप पारगाना बाबा हरिपोदो मुर्मू, पंचान्न सोरेन, धर्मगुरु बंधन तिग्गा, मांगीलाल केरकेट्टा, रामजन टाना भगत, जनार्दन टाना भगत, फौदा उरांव, माझी बाबा दुर्गा चरण मुर्मू , प्रोफेसर श्याम मुरमू, दीपक मुर्मू, रमेश मुरमू, लेदेम किस्कू, मधु सोरेन, नवीन मुर्मू, कृष्णा मुंडा, जगदीश बास्के आदि समाज के लोग उपस्थित थे।