बोकारो : 15 अक्टूबर 2023 को लुगूबुरु दरबार चाटानी लालपनिया बोकारो में आदिवासी संथाल समाज के अगुआ माझी, परगना , सामाजिक प्रतिनिधियों का बैठक धरमगाढ़ समिति के अध्यक्ष बबुली सोरेन के अध्यक्षता में संपन्न हुआ, बैठक में आगामी 26 एवं 27 नवंबर 2023 को आयोजित होने वाले सारना धर्म महा सम्मेलन की तैयारी और लुगू पहाड़ में डीवीसी द्वारा प्रस्तावित हाइडल पम्पड स्टोरेज पावर प्लांट को रद्द करने हेतु आंदोलन की तैयारी पर चर्चा किया गया.
बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने कहा लुगू पहाड़ हमारा धार्मिक धरोहर है हमारे धोरोम गाढ़ से छेड़छाड़ करना डेढ़ करोड़ संथाल आदिवासियों के धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचने का काम है, राज्य सरकार या केंद्र सरकार आदिवासियों के विकास के नाम पर आदिवासियों के अस्तित्व पहचान समाप्त करने का षड्यंत्र रच रही है, आगे कहा मारांग बुरु पारसनाथ गिरिडीह को जैनों के नाम कर एवं पारसनाथ पहाड़ में रोप-वे निर्माण कर हमारे धर्म स्थल को समाप्त करने का गंभीर आरोप लगाया, इसी तरह लुगू पहाड़ में डीवीसी द्वारा प्रस्तावित हाईडाल प्रोजेक्ट पावर प्लांट 1500 मेगावाट परियोजना को लाकर हमारी धार्मिक धरोहर एवं पांच गांव के आदिवासी मूलवासी परिवारों को विस्थापित कर उनके अस्तित्व पहचान को समाप्त करने की कुप्रयास किया जा रहा है,
इधर यूनिफाइड सिविल कोड और वन संरक्षण संशोधन अधिनियम 2023 को लागू कर आदिवासियों के हक अधिकार, रीति रिवाज, परंपरा को समाप्त करना चाहती है, ऐसी स्थिति में माहतो समुदाय द्वारा आदिवासी बनने का पूरजोर कोशिश की जा रही है वे भी आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार हक हिस्सेदारी पर कब्जा करना चाहती है बैठक में आगे कहा गया राज्य सरकार पिछले 28 वर्षों से पेसा कानून 1996 को लागू नहीं कर आदिवासियों के पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, जल जंगल जमीन का अधिकार पर अतिक्रमण कर रही है जिससे आदिवासी समाज दिन-ब-दिन हसीए में चले जा रहे हैं, इन सभी मुद्दों को लेकर आज के बैठक में उपस्थित समाज के आगुआ, समाजिक प्रतिनिधियों ने आगामी दिनांक 5 नवंबर 2023 रविवार को स्थान - लुगूबुरु घांटा बाड़ी दरबार चाटानी में विराट "जन आक्रोश महाजुटान" आयोजन करने की घोषणा किया और आदिवासी समाज से अपील किया कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति राजनीतिक सोच से ऊपर उठकर आदिवासी समाज के धार्मिक धरोहर, संवैधानिक अधिकार , पारंपरिक स्वसाशन व्यवस्था को बचाने के लिए भारी से भारी संख्या में विराट जन आक्रोश महाजूटान में शामिल होकर एकता का परिचय दें।
बैठक में मुख्य रूप से माझी बाबा दुर्गा चरण मुर्मू, सिरजन हांसदा, रामकृष्ण सोरेन, मिथलेश किस्कु, हीरालाल सोरेन, पंचानन सोरेन, मधु सोरेन, लखन मार्डी, बिंदे सोरेन, दुलाल हांसदा, सुकुमार सोरेन, आदि काफी संख्या में समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे.