पारंपरिक ग्राम सभा के माझी बाबा,मुंडा , डोकलो सोहोर को जज,विधायक, सांसदों से अधिक ताकतवर होंगे : कृष्णा हांसदा
4 अक्टूबर 2023 को धड़ दिशोम पूर्वी सिंहभूम माझी पारगाना महल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल पेसा कानून संशोधित अधिनियम 2022 का शंशोधित प्रारूप में जो भी खामियां थी उसे दूर करते हुए पंचायती राज विभाग के निर्देशक एवं पंचायती राज मंत्री श्री आलमगीर आलम के साथ मिलकर यह मांग की गई कि वर्षों से आदिवासियों के अवरुद्ध हुए विकास को गति देने के लिए अभिलंब पेसा कानून संशोधित अधिनियम 2022 को अभिलंब अधिसूचित करते हुए जारी करने का मांग की गई.
पंचायती राज मंत्री माननीय श्री आलमगीर आलम द्वारा समाज के अगुओं को अस्वस्थ करते हुए कहा कि हम लोग जल्द से जल्द इसे कैबिनेट में पारित कर जनहित में लागू करेंगे.
PESA नियमवाली 2022 लागू होने के बाद पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के ग्राम सभाओं को एक सांसद और विधायकों से कई गुना अधिक उन्हें न्यायिक,विधायिका एवं कार्यपालिका शक्ति प्राप्त होंगे, क्योंकि ग्राम सभा को IPC की 36 प्रकार की धाराओं में विचार करने का शक्ति प्राप्त होंगे.
इससे आदिवासियों को पुलिस प्रशासन द्वारा बेवजह प्रताड़ित करने का एक समस्या से निजात मिल मिलेगी.
थाना प्रभारी द्वारा बिना ग्राम सभा से पूछे किसी भी आदिवासियों को गिरफ्तार नहीं कर सकेगा।
दूसरी बात आदिवासियों की जमीन हस्तांतरण के मामले में भी ग्राम सभा की सहमति अनिवार्यता होगी.
किसी भी तरह की विकास के नाम पर भूमि अधिग्रहण मामला समाप्त हो जाएगी.
जो पूर्व में पूंजीपतियों कॉरपोरेट द्वारा पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर IPC की धारा 353 का दुरुपयोग करते हुए आदिवासियों को डराए जाते थे वह बंद हो जाएंगे .
आदिवासियों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होने जा रही है, ये सभी जानकारी स्वशासन व्यवस्था के लोगों ने दिया.
प्रतिनिधि मंडल में माझी बाबा दुर्गा मुर्मू, धड़ दिशोम माझी पारगाना महल जायरेद श्री पंचानन सोरेन,आदिवासी महासभा से विजय कुजुर और कृष्णा हांसदा गए थे.
पंचायती राज मंत्री माननीय श्री आलमगीर आलम द्वारा समाज के अगुओं को अस्वस्थ करते हुए कहा कि हम लोग जल्द से जल्द इसे कैबिनेट में पारित कर जनहित में लागू करेंगे.
PESA नियमवाली 2022 लागू होने के बाद पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के ग्राम सभाओं को एक सांसद और विधायकों से कई गुना अधिक उन्हें न्यायिक,विधायिका एवं कार्यपालिका शक्ति प्राप्त होंगे, क्योंकि ग्राम सभा को IPC की 36 प्रकार की धाराओं में विचार करने का शक्ति प्राप्त होंगे.
इससे आदिवासियों को पुलिस प्रशासन द्वारा बेवजह प्रताड़ित करने का एक समस्या से निजात मिल मिलेगी.
थाना प्रभारी द्वारा बिना ग्राम सभा से पूछे किसी भी आदिवासियों को गिरफ्तार नहीं कर सकेगा।
दूसरी बात आदिवासियों की जमीन हस्तांतरण के मामले में भी ग्राम सभा की सहमति अनिवार्यता होगी.
किसी भी तरह की विकास के नाम पर भूमि अधिग्रहण मामला समाप्त हो जाएगी.
जो पूर्व में पूंजीपतियों कॉरपोरेट द्वारा पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर IPC की धारा 353 का दुरुपयोग करते हुए आदिवासियों को डराए जाते थे वह बंद हो जाएंगे .
आदिवासियों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होने जा रही है, ये सभी जानकारी स्वशासन व्यवस्था के लोगों ने दिया.
प्रतिनिधि मंडल में माझी बाबा दुर्गा मुर्मू, धड़ दिशोम माझी पारगाना महल जायरेद श्री पंचानन सोरेन,आदिवासी महासभा से विजय कुजुर और कृष्णा हांसदा गए थे.